- महाराष्ट्र चुनाव बहुत ही रोचक हो गया है । अगर हम इसे राजनीति के आधार पर देखे तो , कुल मिला कर 6 पार्टियां चुनाव मैदान में अपनी ताल ठोक रही है । हर पार्टी अपने अपने गठबन्धन की जीत का दावा कर रही है ।
महाराष्ट्र चुनाव कौन जीत रहा है
एकनाथ शिंदे की सरकार होने से कुछ फ्री योजना भी चल रही है जिसका लाभ बीजेपी गठबन्धन को जाता हुआ दिखाई दे रहा है । बीजेपी के साथ rss भी पूर्ण रूप से काम करती हुई दिख रही है । आपको ज्ञात होगा कि rss का मुख्यालय महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित है । बीजेपी ये चुनाव जीते इसमें rss कोई कसर नहीं छोड़ेगी । ये कहना कोई हर्ज नहीं होगा कि इस समय बीजेपी गठबन्धन का पलड़ा भारी नजर आ रहा है ।
वही अगर हम कांग्रेस गठबन्धन की बात करे तो इसमें उद्धव ठाकरे का रोल बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है । उद्धव ठाकरे पर ही विपक्ष का पूरा चुनाव निर्भर कर रहा है । ऐसा ये इस लिए है कि वो आपकी पार्टी के विचार धारा के विपरीत चल रहे है, इसमें उनको अपने कोर वोटर्स के छिटकने का डर भी हो सकता है । तो साथ ही साथ मुस्लिम मतदाता का साथ भी मिल सकता है । पर ये तरीका उनको राजनीति में महंगी भी पड़ सकती है । क्योंकि मुस्लिम मतदाता कांग्रेस का कोर वोटर्स हमेशा से रहा है । कांग्रेस के साथ आ जाने से मुस्लिम मतदाता का वोट उद्धव ठाकरे को मिल सकता है । लेकिन अगर आपस में कोई भी नाराजगी होती है तो उसका घाटा उद्धव ठाकरे को लग सकता है ।
उद्धव ठाकरे का राजनीति दांव पर
इसमें कोई दो राय नहीं है कि उद्धव ठाकरे की राजनीति दांव पर लगी हुई है । क्योंकि उन्होंने अपने पार्टी के विचार धारा के विपरीत जाकर समझौता किया है । ये बात उनके वोटर्स को कितना पसंद आयेगा वो इस चुनाव में साफ दिख जाएगा , क्योंकि दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे बालासाहब के विचार धारा के साथ चल रहे है और बार बार महाराष्ट्र को एहसास करा रहे है कि वही असली शिव सेना है। एकनाथ शिंदे का तो बहुत कुछ नहीं जाता क्योंकि वो एक बार मुख्यमंत्री भी बन चुके है , शायद वो उद्धव ठाकरे के साथ रह कर कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाते , लेकिन उद्धव ठाकरे की पार्टी और विचार धारा दोनों टूट कर एकनाथ शिंदे के पास चली गई है । ऐसे में आओ साझ सकते है कि ये चुनाव उद्धव ठाकरे के लिए कितना महत्वपूर्ण है । इस महाराष्ट्र चुनाव का परिणाम उनकी राजनीति की दिशा का प्रारंभ करेगी या फिर अंत करेगी ।
मुस्लिम मतदाता में बिखराव की संभावना
इंडिया गठबन्धन के साथ एक और परेशानी का कारण बन हुआ है वो की अन्य छोटी पार्टियां है । आपको ज्ञात होगा कि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र चुनाव में अपने उम्मीदवार उतर दिए है , ये उम्मीदवार मुस्लिम वोट के भरोसे है क्योंकि उनका प्रत्याशी भी मुस्लिम है । ऐसे में इसका घटा अखिलेश यादव और कांग्रेस दोनों को उठाना पड़ सकता है ।
ओवैसी की महाराष्ट्र चुनाव में एंट्री
हैदराबाद के ओवैसी की एंटी भी महाराष्ट्र चुनाव में हो चुका है जिनकी पार्टी की विचार धारा मुस्लिमों को अधिकार दिलाने की बात करता है इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुस्लिम समुदाय ओवैसी को पसंद करते है महाराष्ट्र में मुस्लिम मतदाता ओवैसी को वोट करते आए है , ये एक बड़ा फैक्टर है मुस्लिम वोट में बिखराव का ।
परिणाम
इस पूरे विवरण को ध्यान से देखे तो बीजेपी गठबन्धन rss के साथ मजबूती से आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है , तो वही दूसरी तरफ विपक्ष अपनी ही परेशानी में घिरती हुई दिख रही है , इस से आप कह सकते है कि अभी महाराष्ट्र में बीजेपी का पलड़ा पारी है ।